बच्चों का पढ़ाई लिखाई में नहीं लगता मन तो जरूर करें वास्तु के ये उपाय
- lalkitabsirsa
- 26 अक्टू॰
- 2 मिनट पठन

बच्चों का पढ़ाई लिखाई में नहीं लगता मन तो जरूर करें वास्तु के ये उपाय
अक्सर देखा गया है कि बच्चों का अचानक से पढ़ाई लिखाई से मन नहीं लगता और पढ़ाई से संबंधित चीजों को याद रख पाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते कंपटीशन की वजह से बच्चे अक्सर तनाव में भी देखे गए हैं। बच्चों की इन समस्या का एक कारण कहीं ना कहीं वास्तु दोष भी हो सकता है। वास्तु दोष की वजह से बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं या पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता या आलस्य हावी रहता है। आज हम आपको वास्तु के कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे बच्चों की स्मरण शक्ति और बुद्धि में वृद्धि होती है और मन में उल्लास बना रहता है। आइए जानते हैं बच्चों की दुविधाओं को दूर करने के वास्तु उपाय...
बच्चों के पढ़ाई के कमरे में रोशनी भरपूर होनी चाहिए। कम रोशनी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, जिसकी वजह से बच्चों का मन स्थिर नहीं रहता है और पढ़ाई लिखाई में नीरसता आती है। साथ ही स्टडी रूम में टीवी, मैगजीन, सीडी प्लेयर, वीडियो गेम्स, रद्दी आदि अनुपयोगी सामान ना रखें, ये चीजें भी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।
बच्चों के पढ़ाई के कमरे में शिक्षा की देवी माता सरस्वती और बुद्धि के दाता भगवान गणेश की तस्वीर या प्रतिमा लगानी चाहिए। साथ ही बच्चों की स्टडी टेबल चौकोर होनी चाहिए और टेबल को कभी भी दीवार या दरवाजे से सटाकर ना रखें। साथ ही लाइट के नीचे या उसकी छाया में टेबल सेट ना करें, इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।
घर में पश्चिम और दक्षिण पश्चिम के बीच में जो दिशा है वहाँ जो भी सामान होगा बच्चो का ध्यान पढ़ने के समय उन्हीं चीज़ों में घूमता रहेगा उदाहरण के तोर पर अगर TV हुआ तो बच्चों को पढ़ते समय TV पर आने वाले कार्टून याद आयेंगे और अगर कुछ खेल का सामान रखा होगा तो खेलना याद आएगा ऐसे ही अगर कोई वाशिंग मशीन रखी हुई होगी तो याद तो एक दम से होगा मगर साफ़ भी वेसे ही हो जाएगा माइक पर याद नहीं रहेगा बस हमे ये ध्यान से अपने घर में चैक करना है कि अपने घर में वहाँ क्या ऐसा रखा है जो पढ़ाई में मन नहीं लग रहा
बच्चों के पढ़ाई का कमरा पर उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। इस दिशा के स्वामी सूर्यदेव हैं और सूर्यदेव तेज, शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। इस वजह से उत्तर पूर्व दिशा बच्चों के मन, बुद्धि और विवेक को प्रभावित करती है। ध्यान रखें कि बच्चों की पढ़ाई का कमरा कभी भी पश्चिम उतर या दक्षिण पूर्व दिशा नहीं होनी चाहिए। इस दिशा में कमरा होने से बच्चों की पढ़ाई लिखाई में एकाग्रता नहीं रहती।
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