
काल सर्प दोष पूजा

कालसर्प दोष क्या है?
जब जन्म कुंडली में सभी सात ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि) राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब इसे कालसर्प दोष कहा जाता है। राहु और केतु हमेशा 180° के विपरीत (सातवें भाव में) होते हैं। यदि सभी ग्रह इस "राहु–केतु रेखा" के एक ही ओर फँस जाएँ और कोई भी ग्रह उसके बाहर न हो, तो यह दोष बनता है। ज्योतिष में इसे जीवन में रुकावट, मानसिक अशांति और बार-बार असफलता का कारण माना जाता है। इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि राहु–केतु को "नाग के मुख और पूँछ" के रूप में देखा जाता है, और इनके बीच फँसे ग्रह व्यक्ति की ऊर्जा को जैसे "नाग के फंदे" में बाँध देते हैं।
कालसर्प दोष क्या करता है?
ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है, जो व्यक्ति के मानसिक, सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक स्तर पर असंतुलन ला सकते हैं। सभी 7 ग्रह इनके बीच फँसने पर जीवन की ऊर्जा एक बंद धारा की तरह हो जाती है, जिससे व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता के बावजूद परिणाम पाने में देर और रुकावट अनुभव करता है। कालसर्प दोष की शांति से जीवन में नई ऊर्जा और संतुलन आता है। यह पूजा न केवल बाधाओं को दूर करती है, बल्कि सफलता और समृद्धि के द्वार भी खोलती है।
कालसर्प दोष क्यों असर करता है
वैदिक दृष्टि से, राहु-केतु कर्म और ऋण से जुड़े ग्रह हैं।
कालसर्प दोष कई बार पितृ ऋण, पूर्व जन्म के अधूरे कर्म, या नकारात्मक ग्रह योग के कारण होता है। यह जीवन में बार-बार “अधूरापन” या “रुकावट” का भाव पैदा करता है कृ यानी काम होते-होते अटक जाना या परिणाम देर से मिलना। इसकी ऊर्जा व्यक्ति को मानसिक थकान और अनिश्चितता की ओर खींचती है, जिससे वह अपनी असली क्षमता का उपयोग नहीं कर पाता।
कालसर्प दोष की पूजा
कालसर्प दोष की पूजा एक प्रकार की पूजा है जो कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने और शांति प्रदान करने के लिए की जाती है। कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय दोष है जो कुंडली में राहु और केतु की स्थिति के कारण होता है।
राहु और केतु की शांतिः पूजा का उद्देश्य राहु और केतु की शांति और उनके नकारात्मक प्रभाव को कम करना है।
हवन और आहुतिः हवन और आहुति करना और राहु और केतु को प्रसन्न करने के लिए आहुति देना।
दान और पुण्यः कालसर्प दोष की शांति के लिए दान और पुण्य करना।
एक खास बात
ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है, जो व्यक्ति के मानसिक, सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक स्तर पर असंतुलन ला सकते हैं। सभी 7 ग्रह इनके बीच फँसने पर जीवन की ऊर्जा एक बंद धारा की तरह हो जाती है, जिससे व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता के बावजूद परिणाम पाने में देर और रुकावट अनुभव करता है।
कालसर्प दोष की पूजा के लाभः
कालसर्प दोष का निवारणः पूजा कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने में मदद करती है।
सकारात्मक प्रभावः राहु और केतु का सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
समस्याओं का समाधानः कालसर्प दोष की पूजा विभिन्न समस्याओं का समाधान करने में मदद करती है, जैसे कि विवाह में देरी, नौकरी में समस्याएं, और स्वास्थ्य समस्याएं।
