बच्चों का पढ़ाई लिखाई में नहीं लगता मन तो जरूर करें वास्तु के ये उपाय
- lalkitabsirsa
- Oct 26
- 3 min read
Updated: Nov 15
बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के वास्तु उपाय
अक्सर देखा गया है कि बच्चों का अचानक से पढ़ाई लिखाई से मन नहीं लगता। इसके साथ ही, पढ़ाई से संबंधित चीजों को याद रखने में भी परेशानी होती है। वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते कंपटीशन के कारण बच्चे अक्सर तनाव में रहते हैं। बच्चों की इन समस्याओं का एक कारण वास्तु दोष भी हो सकता है।
वास्तु दोष के कारण बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं, पढ़ाई में ध्यान नहीं लगाते, या आलस्य हावी रहता है। आज हम आपको वास्तु के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे बच्चों की स्मरण शक्ति और बुद्धि में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं बच्चों की दुविधाओं को दूर करने के वास्तु उपाय।
कमरे की रोशनी का महत्व
बच्चों के पढ़ाई के कमरे में रोशनी भरपूर होनी चाहिए। कम रोशनी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। इससे बच्चों का मन स्थिर नहीं रहता और पढ़ाई में नीरसता आती है।
साथ ही, स्टडी रूम में टीवी, मैगजीन, सीडी प्लेयर, वीडियो गेम्स, और रद्दी जैसी अनुपयोगी चीजें नहीं होनी चाहिए। ये चीजें भी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।
देवी-देवताओं की तस्वीरें
बच्चों के पढ़ाई के कमरे में शिक्षा की देवी माता सरस्वती और बुद्धि के दाता भगवान गणेश की तस्वीर या प्रतिमा लगानी चाहिए।
बच्चों की स्टडी टेबल चौकोर होनी चाहिए। टेबल को कभी भी दीवार या दरवाजे से सटाकर नहीं रखें। लाइट के नीचे या उसकी छाया में टेबल सेट करने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।
दिशा का ध्यान रखें
घर में पश्चिम और दक्षिण पश्चिम के बीच में जो दिशा है, वहाँ जो भी सामान होगा, बच्चों का ध्यान पढ़ाई के समय उन्हीं चीज़ों में घूमता रहेगा। उदाहरण के लिए, अगर टीवी है, तो बच्चों को पढ़ते समय टीवी पर आने वाले कार्टून याद आएंगे।
अगर खेल का सामान रखा होगा, तो खेलना याद आएगा। इसी तरह, अगर कोई वाशिंग मशीन रखी हुई होगी, तो याद तो एक दम से होगा मगर साफ़ भी वैसे ही हो जाएगा।
हमें यह ध्यान से अपने घर में चेक करना है कि वहाँ क्या ऐसा रखा है जो पढ़ाई में मन नहीं लगने दे रहा है।
सही दिशा में कमरा
बच्चों के पढ़ाई का कमरा उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। इस दिशा के स्वामी सूर्यदेव हैं, जो तेज और शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं।
इस वजह से उत्तर पूर्व दिशा बच्चों के मन, बुद्धि और विवेक को प्रभावित करती है। ध्यान रखें कि बच्चों का पढ़ाई का कमरा कभी भी पश्चिम उत्तर या दक्षिण पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए।
इन दिशाओं में कमरा होने से बच्चों की पढ़ाई में एकाग्रता नहीं रहती।
समस्या का समाधान
अगर आपको भी किसी प्रकार की परेशानी है और आप जानना चाहते हैं कि आपके जीवन में कौन ज़िम्मेदार है इन सब परेशानियों का, आपकी जन्मकुंडली या आपके घर का वास्तु? इसके लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।
बच्चों की पढ़ाई में सकारात्मकता
बच्चों की पढ़ाई में सकारात्मकता लाने के लिए यह आवश्यक है कि हम उनके आस-पास का माहौल सही रखें।
सकारात्मक ऊर्जा से भरा वातावरण बच्चों को प्रेरित करता है। इससे उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ती है।
निष्कर्ष
वास्तु के उपायों का पालन करके हम बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ा सकते हैं। यह उपाय न केवल उनकी स्मरण शक्ति को बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं।
इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे पढ़ाई में सफल हों, तो इन उपायों को जरूर अपनाएं।
बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए वास्तु के ये उपाय बहुत प्रभावी हो सकते हैं।
---wix---




Comments