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क्या किसी ने कुछ कर दिया है ?

Updated: Nov 18

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काम रुकना, घर में क्लेश, नज़र दोष और नकारात्मक ऊर्जा की पहचान व उसके प्रभावी समाधान

 

जीवन में कुछ पल ऐसे आते हैं जब अचानक सब कुछ विपरीत दिशा में जाने लगता है। चल रहे काम रुक जाते हैं, नई शुरुआत बार-बार असफल हो जाती है, घर में तनाव बढ़ जाता है, मन बेचैन रहता है और वातावरण भारी-सा महसूस होता है। ऐसे समय में मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है “क्या यह किसी की नज़र, जादू-टोना या नकारात्मक ऊर्जा का असर है?” भारत की आध्यात्मिक परंपरा, लोकविश्वास और ज्योतिष इन सभी में नकारात्मक ऊर्जा और अदृश्य प्रभावों का अस्तित्व स्वीकार किया गया है। लेकिन साथ ही यह भी बताया गया है कि इसकी पहचान और समाधान दोनों संभव और सरल हैं।

 

यह लेख इसी विषय पर आधारित है

कैसे पता चले कि कोई नकारात्मक ऊर्जा काम कर रही है ?

किसके किए कराए का असर होता है ?

और इससे छुटकारा कैसे मिले ?

 

कैसे पहचानें कि कोई नकारात्मक ऊर्जा, नज़र या किए–कराए का असर है ?

 

लगातार कामों का रुक जाना : जब कोई भी नया कदम सफल न हो, पुराने काम भी अचानक विफल होने लगें, बिज़नेस या नौकरी में बाधाएँ ही बाधाएँ आएँ तो यह ऊर्जा अवरोध का संकेत माना जाता है। यह स्थिति तब और गंभीर लगती है जब हर बार आखिरी समय में काम बिगड़ जाए, पैसा आते–आते रुक जाए, रोज़ छोटे–छोटे नुकसान हों, ऐसी परिस्थितियों को आमतौर पर नज़र या नकारात्मक कंपन से जोड़कर देखा जाता है।

 

घर में क्लेश, झगड़े और असंतोष बढ़ जाना, यदि घर में अचानक हर सदस्य चिड़चिड़ा हो जाए, बिना कारण झगड़े होने लगें, दांपत्य जीवन में तनाव बढ़ जाए, परिवार में शांति का वातावरण टूट जाए, तो यह घर की ऊर्जा के असंतुलित होने का बड़ा संकेत है।

 

मन का भारी रहना, डर या बेचैनी, नकारात्मक ऊर्जा का सबसे पहला असर मन पर होता है। व्यक्ति महसूस करता है बिना कारण तनाव, नींद में कमी, रात में डर या बेचैन सपने, हर समय बोझ-सा महसूस होना ये संकेत मानसिक स्तर पर ऊर्जा के टकराव को दर्शाते हैं।

 

पालतू जानवरों का व्यवहार बदलना, जानवर बहुत संवेदनशील होते हैं। यदि कुत्ता किसी कोने में देखकर भौंकने लगे, गाय अचानक बेचैन हो जाए, पक्षी बिना कारण चीखें, तो यह घर की ऊर्जा में परिवर्तन का संकेत है।

 

घर में चीज़ों का बार-बार टूटना, बल्ब फटना, इलेक्ट्रॉनिक्स खराब होना, महत्त्व की चीज़ों का हाथ से गिरना या घर का सामान बार-बार टूटना ये सब ऊर्जा रुकावट और नज़र का संकेत माने जाते हैं।

 

क्या यह वास्तव में किसी के “किए कराए” का असर होता है ?

 

हर समस्या “किसी ने कुछ कर दिया” के कारण नहीं होती। लेकिन कुछ स्पष्ट परिस्थितियाँ होती हैं जहाँ किया कराया प्रभाव माना जाता है जब सारी समस्याएँ एक ही समय में शुरू हों, अचानक बहुत अधिक परिवर्तन नज़र आएं यह बाहरी ऊर्जा हस्तक्षेप का संकेत हो सकता है। जब कोई बिना कारण आपसे नफ़रत या जलन महसूस करता हो कई बार जलन ही नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन जाती है। जब चिकित्सकीय और सामान्य कारण न मिलें फिर भी जीवन पर गहरा असर दिखे यह ऊर्जात्मक कारणों की ओर इशारा करता है।

 

ज्योतिष की दृष्टि से किए–कराए का प्रभाव कैसे देखा जाता है ?

 

ज्योतिष में नकारात्मक ऊर्जा या बाधाओं का असर मुख्य रूप से निम्न योगों से समझा जाता है : चंद्रमा का कमजोर होना, चंद्रमा मन और मानसिक ऊर्जा का कारक है। यदि चंद्रमा पर राहु, केतु, शनि या मंगल का प्रहार हो तो व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा जल्दी पकड़ता है। राहु का दुष्प्रभाव : राहु भ्रम, मायावी ऊर्जा, नज़र और अदृश्य बाधाओं का कारक माना गया है। राहु की दशा या अंतरदशा में ऐसे अनुभव बढ़ जाते हैं।  8वां भाव (अष्टम भाव) यह भाव गूढ़ शक्तियों, छिपे शत्रु और ऊर्जा संबंधी प्रभावों का द्योतक है। और 4था और 12वां भाव ये भाव घर की ऊर्जा, शांति और मानसिक स्थिति से जुड़े होते हैं।

 

अब सबसे महत्वपूर्ण भाग : इसकी काट और समाधान

 

उच्च आध्यात्मिक अनुष्ठान: तंत्र बाधा की महाकाट,  जब यह स्पष्ट हो जाए कि समस्या केवल नज़र दोष नहीं, बल्कि किसी गंभीर 'किए कराए' (अभिचार कर्म) का परिणाम है, तो तुरंत उच्च-स्तरीय दैवीय अनुष्ठानों की आवश्यकता होती है, जो तामसिक शक्ति को सात्विक ऊर्जा के बल से परास्त कर सकें।

 

भगवान शिव का महासुरक्षा कवच : भगवान शिव को संहारकर्ता और महाकाल के रूप में तामसिक शक्तियों पर विजय प्राप्त है, इसलिए उनकी उपासना सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप: यदि व्यक्ति पर गंभीर तंत्र-मंत्र या काला जादू का अंदेशा है, तो इसकी काट के लिए भगवान शिव का रुद्राभिषेक सबसे बड़ा अनुष्ठान माना जाता है । रुद्राभिषेक के साथ महामृत्युंजय मंत्र (ॐ त्र्यंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्...) का जप करना अत्यंत प्रभावशाली होता है ।

सही जप विधि: मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना उत्तम होता है । जप से पहले शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अवश्य अर्पित करें, और फिर शिवलिंग के सामने बैठकर जप करें । अमावस्या और पूर्णिमा का विशेष शिव अनुष्ठान: अभिचार ग्रसित व्यक्तियों के लिए अमावस्या और पूर्णिमा ये दो दिन विशेष माने गए हैं। इन दिनों गाय के दूध के दही में बेसन मिलाकर उपटन बनाएं और स्नान के पश्चात पूरे शरीर में लेप लगाएं। इसी दिन महादेव के मंदिर में जाकर पहले दही से, फिर सरसों के तेल से अभिषेक करें, और अंत में जल से पुनः अभिषेक करें । यह लगातार करने से कितना भी बड़ा तांत्रिक प्रभाव हो, उसका नाश होता है ।


देवी साधना: तंत्र बाधा से बचाव के लिए दुर्गा सप्तशती के पाठ या महाविद्या स्त्रोत का पाठ करवाना भी अत्यंत लाभप्रद होता है । भैरव महासुरक्षा यज्ञ जैसे विशिष्ट अनुष्ठान भी नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति के लिए किए जाते हैं ।

 

संकटमोचन हनुमान जी की शरण : हनुमान जी की शक्ति और सात्विकता का स्मरण सभी प्रकार के भूत-प्रेत और तामसिक शक्तियों का नाश करता है। नियमबद्ध हनुमान चालीसा: हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का नियमित, नियमबद्ध पाठ (सुबह-शाम स्वच्छ होकर, धूप-दीप अर्पित करके) बड़े से बड़े तंत्र-मंत्र, काले जादू (मारण, मोहन, सम्मोहन, वशीकरण) से सुरक्षा की गारंटी देता है । रात में चलते समय भी चालीसा का पाठ किया जा सकता है । प्रेत बाधा निवारण मंत्र: यदि भूत या किसी अनजान खतरे का भय हो, तो 'हं हनुमंते नमः' हनुमान मंत्र' का जाप दिन में 7-11-108 बार करने से मन का डर कम होता है और बुरी शक्ति दूर रहती है । सच्चे मन से दीपक: सच्चे मन और भाव से रात्रि के समय हनुमान जी के सामने तेल का दीपक प्रतिदिन जलाने से घर की नकारात्मकता खत्म होती है । यह उपाय उन लोगों के लिए विशेष रूप से सुझाया जाता है जो तंत्र के लिए जगह-जगह भटकना या पैसे देना नहीं चाहते ।

 

जितनी तेज़ी से नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव करती है, उतनी ही जल्दी वह दूर भी हो सकती है यदि उपाय सही हों। घर की ऊर्जा शुद्धि करें यह हर प्रकार की नकारात्मकता का सबसे पहला और कारगर उपाय है। धूप धूनी का प्रयोग प्रतिदिन शाम को लोबान, गुग्गुल, कपूर, राल, इन्हें मिलाकर धूप करें। यह नकारात्मक तरंगों को तुरंत समाप्त करता है।

 

नमक वाला जल शुद्धि : एक कटोरी में पानी + थोड़ा समुद्री नमक इसे कमरे के कोने में रखें। हर महीने में एक बार बदलें। यह नकारात्मक ऊर्जा को खींच लेता है। गंगाजल छिड़काव : गौमुखी शंख में गंगाजल भरकर घर के सभी कोनों में छिड़कें। विशेषकर उत्तर–पूर्व दिशा।

 

राहु शनि शांति : शनिवार को उड़द दाल, काला तिल, सरसों का तेल, वजन का दसवा हिस्सा कच्चा कोयला, जों का दान करने से बाधाएँ कम होती हैं। चंद्रमा को मजबूत करें : चंद्रमा मजबूत होने पर नकारात्मक ऊर्जा टिक नहीं पाती। सोमवार व्रत, सफेद वस्त्र का दान, गाय को चारा चावल दूध का दान

 

दुकान, व्यवसाय या ऑफिस की नज़र हटाने के उपाय

 

सुरक्षात्मक बंधन: शुक्रवार के दिन अशोक के पत्ते घर के मुख्य द्वार पर या व्यापार स्थल के प्रवेश द्वार पर बांधने चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कार्यस्थल पर लगी नज़र उतर जाती है ।


शनि की सुरक्षा: व्यवसाय में आ रही रुकावटें अक्सर शनि या राहु के नकारात्मक प्रभाव से जुड़ी होती हैं। शनिवार के दिन काले घोड़े की नाल को सरसों के तेल में डुबोकर, शनि मंत्र का उच्चारण करते हुए, दुकान या घर के मुख्य द्वार पर टांगना एक शक्तिशाली सुरक्षा कवच प्रदान करता है । यह उपाय शनि की सुरक्षात्मक ऊर्जा को सक्रिय करता है, जिससे काम में आ रही अड़चनें दूर होती हैं।


दैनिक शुद्धि: व्यापार स्थल पर कपूर-लौंग का धुआँ नियमित रूप से करना  और निरंतर चंदन की सुगंध का प्रयोग करना  व्यवसाय को नकारात्मकता से सुरक्षित रखता है।

पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा/चित्र कैश काउंटर के पास लगाएं। व्यापार में लगी नज़र तुरंत उतरती है।

रोज़ पानी छिड़कना, ऑफिस/दुकान के मुख्य द्वार पर हर सुबह जल छिड़कें। कपूर और लौंग कुंडली या धूपदानी में कपूर के साथ 2 लौंग जलाकर दुकान ऑफिस में घुमाएँ।

 

नज़र उतारने के पारंपरिक टोटके: बच्चों या व्यक्तियों को यदि नज़र लगी हो, तो उनके ऊपर से मंदिर में रखे जल या दूध (शनिवार/रविवार को सात बार दूध घुमाकर कुत्ते को देना ) उतार कर किसी पौधे में पानी चढ़ाया जा सकता है, या बहते पानी में डाला जा सकता है ।

 

निष्कर्ष : मन और आस्था सबसे बड़ा सुरक्षा कवच, किसी भी नकारात्मक ऊर्जा का सबसे बड़ा लक्ष्य मन होता है। यदि मन स्थिर और मजबूत हो, तो कोई भी बाहरी शक्ति लंबे समय तक प्रभावित नहीं कर सकती। सकारात्मक सोच, श्रद्धा, नियमित प्रार्थना, सात्विक भोजन, अच्छे कर्म, ये सभी मिलकर ऐसी ढाल बनाते हैं जिसे कोई भी नकारात्मक शक्ति भेद नहीं सकती। नकारात्मक ऊर्जा हो, नज़र दोष हो या किसी के किए कराए का असर, यह सब तब ही प्रभावी होता है जब व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर हो या वातावरण दूषित हो। परंतु सही आध्यात्मिक, ज्योतिषीय और घरेलू उपायों से इन सभी प्रभावों को तुरंत समाप्त किया जा सकता है। अंततः सबसे बड़ी शक्ति आपके भीतर है आपके कर्म, आस्था, सकारात्मक ऊर्जा और मन की मजबूती में। जब ये मजबूत हों, तब कोई भी नकारात्मक प्रभाव आप पर हावी नहीं हो सकता है

 

ठगी से बचें: भूत-प्रेत और जादू टोना के नाम पर बहुत सारे लोगों ने दुकानें खोल रखी हैं । ऐसे लोगों से बचें जो इसका गलत फायदा उठाकर दूसरों को डराते या लूटते हैं । यदि उच्च आध्यात्मिक शक्ति वाले गुरु या ज्योतिषी न मिलें, तो शास्त्रों में दिए गए मंत्रों और साधनाओं का स्वयं आश्रय लेना सर्वोत्तम है।

 

 

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